सुरससुबोधा विश्वमनोज्ञा
Published on 3 September 2019 06:46 PM
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सुरससुबोधा विश्वमनोज्ञा
ललिता हृद्या रमणीया।
अमृतवाणी संस्कृतभाषा
नैव क्लिष्टा न च कठिना
नैव क्लिष्टा न च कठिना।।ध्रु।।
कविकोकिल-वाल्मीकि-विरचिता
रामायणरमणीय कथा।
अतीव-सरला मधुरमंजुला
नैव क्लिष्टा न च कठिना।।१।।
व्यासविरचिता गणेशलिखिता
महाभारते पुण्यकथा।
कौरव - पाण्डव -संगरमथिता
नैव क्लिष्टा न च कठिना।।२।।
कुरूक्षेत्र-समरांगण - गीता
विश्ववन्दिता भगवद्गीता
अमृतमधुरा कर्मदीपिका
नैव क्लिष्टा न च कठिना।।३।।
कविकुलगुरू - नव - रसोन्मेषजा
ऋतु - रघु - कुमार - कविता।
विक्रम-शाकुन्तल- मालविका
नैव क्लिष्टा न च कठिना।।४।।
