Amarakosha - वनौषधिवर्गः

Published on 20 August 2019 06:56 AM





वनम्. (6) - अटवी (स्त्री), अरण्य (नपुं), विपिन (नपुं), गहन (नपुं), कानन (नपुं), वन (नपुं)

2.4.1.1 - अटव्यरण्यं विपिनं गहनं काननं वनम्





महावनम्. (2) - महारण्य (नपुं), अरण्यानी (स्त्री)

गृहोपवनम्. (2) - गृहाराम (पुं), निष्कुट (पुं)

2.4.1.2 - महारण्यमरण्यानी गृहारामास्तु निष्कुटाः





कृत्रिमवृक्षसमूहः. (2) - आराम (पुं), उपवन (नपुं)

2.4.2.1 - आरामः स्यादुपवनं कृत्रिमं वनमेव यत्





गणिकामात्यादिगृहोपवनम्. (1) - वृक्षवाटिका (स्त्री)

2.4.2.2 - अमात्यगणिकागेहोपवने वृक्षवाटिका





सर्वोपभोग्यवनम्. (2) - आक्रीड (पुं), उद्यान (नपुं)

2.4.3.1 - पुमानाक्रीड उद्यानं राज्ञः साधारणं वनम्





अन्तःपुरोद्यानम्. (1) - प्रमदवन (नपुं)

2.4.3.2 - स्यादेतदेव प्रमदवनमन्तःपुरोचितम्





पङ्क्तिः. (5) - वीथि (स्त्री), आलि (स्त्री), आवलि (स्त्री), पङ्क्ति (स्त्री), श्रेणी (स्त्री)

पङ्क्त्यपङ्तिसाधारणी. (2) - लेखा (स्त्री), राजि (स्त्री)

2.4.4.1 - वीथ्यालिरावलिः पङ्क्तिः श्रेणी लेखास्तु राजयः





वनसमूहः. (1) - वन्या (स्त्री)

नूतनाङ्कुरः. (2) - अङ्कुर (पुं), अभिनवोद्भिद् (पुं)

2.4.4.2 - वन्या वनसमूहे स्यादङ्कुरोऽभिनवोद्भिदि





वृक्षः. (6) - वृक्ष (पुं), महीरुह (पुं), शाखिन् (पुं), विटपिन् (पुं), पादप (पुं), तरु (पुं)

2.4.5.1 - वृक्षो महीरुहः शाखी विटपी पादपस्तरुः





वृक्षः. (6) - अनोकह (पुं), कुट (पुं), शाल (पुं), पलाशिन् (पुं), द्रुद्रुम (पुं), अगम (पुं)

2.4.5.2 - अनोकहः कुटः शालः पलाशी द्रुद्रुमागमाः





पुष्पाज्जातफलयुक्तवृक्षः. (1) - वानस्पत्य (पुं)

विनापुष्पं फलितवृक्षः. (1) - वनस्पति (पुं)

2.4.6.1 - वानस्पत्यः फलैः पुष्पात्तैरपुष्पाद्वनस्पतिः





फलपाकान्तसस्याः. (1) - ओषधि (स्त्री)

यथाकालम् फलधरः. (2) - अवन्ध्य (वि), फलेग्रहि (वि)

2.4.6.2 - ओषध्यः फलपाकान्ताः स्युरवन्ध्यः फलेग्रहिः





ऋतावपि फलरहितसस्यः. (3) - वन्ध्य (वि), अफल (वि), अवकेशिन् (वि)

फलसहितवृक्षः. (3) - फलवत् (वि), फलिन् (वि), फली (वि)

2.4.7.1 - वन्ध्योऽफलोऽवकेशी च फलवान्फलिनः फली





प्रफुल्लितवृक्षः. (6) - प्रफुल्ल (वि), उत्फुल्ल (वि), सम्फुल्ल (वि), व्याकोश (वि), विकच (वि), स्फुट (वि)

2.4.7.2 - प्रफुल्लोत्फुल्लसंफुल्लव्याकोशविकचस्फुटाः





प्रफुल्लितवृक्षः. (2) - फुल्ल (वि), विकसित (वि)

2.4.8.1 - फुल्लश्चैते विकसिते स्युरवन्ध्यादयस्त्रिषु





शाखापत्ररहिततरुः. (3) - स्थाणु (पुं-नपुं), ध्रुव (पुं), शङ्कु (पुं)

सूक्ष्मशाखामूलयुतवृक्षः. (1) - क्षुप (पुं)

2.4.8.2 - स्थाणुर्वा ना ध्रुवः शङ्कुर्ह्रस्वशाखाशिफः क्षुपः





स्कन्धरहितवृक्षः. (2) - स्तम्ब (पुं), गुल्म (पुं)

लता. (3) - वल्ली (स्त्री), व्रतति (स्त्री), लता (स्त्री)

2.4.9.1 - अप्रकाण्डे स्तम्बगुल्मौ वल्ली तु व्रततिर्लता





शाखादिभिर्विस्तृतवल्ली. (3) - वीरुध् (स्त्री), गुल्मिनी (स्त्री), उलप (पुं)

2.4.9.2 - लता प्रतानिनी वीरुद्गुल्मिन्युलप इत्यपि





वृक्षादिदैर्घ्यः. (3) - उच्छ्राय (पुं), उत्सेध (पुं), उच्छ्रय (पुं)

2.4.10.1 - नगाद्यारोह उच्छ्राय उत्सेधश्चोच्छ्रयश्च सः





वृक्षमूलमारभ्य शाखावधिभागः. (2) - प्रकाण्ड (पुं-नपुं), स्कन्ध (पुं)

2.4.10.2 - अस्त्री प्रकाण्डः स्कन्धः स्यान्मूलाच्छाखावधिस्तरोः





शाखा. (2) - शाखा (स्त्री), लता (स्त्री)

प्रधानशाखा. (2) - स्कन्धशाखा (स्त्री), शाला (स्त्री)

तरुमूलम्. (2) - शिफा (स्त्री), जटा (स्त्री)

2.4.11.1 - समे शाखालते स्कन्धशाखाशाले शिफाजटे





शाखामूलम्. (1) - अवरोह (पुं)

वृक्षमूलादग्रपर्यन्तं गता लता. (1) - अवरोह (पुं)

2.4.11.2 - शाखाशिफावरोहः स्यान्मूलाच्चाग्रं गता लता





शिखरम्. (3) - शिरस् (पुं-नपुं), अग्र (नपुं), शिखर (पुं-नपुं)

मूलमात्रम्. (3) - मूल (नपुं), बुध्न (पुं), अङ्घ्रिनामक (पुं)

2.4.12.1 - शिरोग्रं शिखरं वा ना मूलं बुध्नोऽङ्घ्रिनामकः





वृक्षकोमलत्वक्. (3) - सार (पुं), मज्जन् (पुं), नरि (पुं)

वृक्षत्वक्. (3) - त्वच् (स्त्री), वल्क (पुं-नपुं), वल्कल (पुं-नपुं)

2.4.12.2 - सारो मज्जा नरि त्वक्स्त्री वल्कं वल्कलमस्त्रियाम्





काष्ठम्. (2) - काष्ठ (नपुं), दारु (पुं-नपुं)

अग्निसन्दीपनकाष्ठम्. (3) - इन्धन (नपुं), एध (पुं), इध्म (नपुं)

यागादौ हूयमानकाष्ठम्. (2) - एध (पुं), समित् (स्त्री)

2.4.13.1 - काष्ठं दार्विन्धनं त्वेध इध्ममेधः समित्स्त्रियाम्





वृक्षादिरन्ध्रः. (2) - निष्कुह (पुं), कोटर (पुं-नपुं)

मञ्जरिः. (2) - वल्लरि (स्त्री), मञ्जरि (स्त्री)

2.4.13.2 - निष्कुहः कोटरं वा ना वल्लरिर्मञ्जरिः स्त्रियौ





पत्रम्. (6) - पत्र (नपुं), पलाश (नपुं), छदन (नपुं), दल (नपुं), पर्ण (नपुं), छद (पुं)

2.4.14.1 - पत्रं पलाशं छदनं दलं पर्णं छदः पुमान्





नूतनपत्रम्. (2) - पल्लव (पुं-नपुं), किसलय (पुं-नपुं)

वृक्षविस्तारः. (2) - विस्तार (पुं), विटप (पुं-नपुं)

2.4.14.2 - पल्लवोऽस्त्री किसलयं विस्तारो विटपोऽस्त्रियाम्





वृक्षफलम्. (2) - फल (नपुं), सस्य (नपुं)

पुष्पादिबन्धनम्. (2) - वृन्त (नपुं), प्रसवबन्धन (नपुं)

2.4.15.1 - वृक्षादीनां फलं सस्यं वृन्तं प्रसवबन्धनम्





अपक्वफलम्. (1) - शलाटु (वि)

शुष्कफलम्. (1) - वान (वि)

2.4.15.2 - आमे फले शलाटुः स्याच्छुष्के वानमुभे त्रिषु





नूतनकलिका. (2) - क्षारक (पुं), जालक (नपुं)

अविकसितपुष्पम्. (2) - कलिका (स्त्री), कोरक (पुं)

2.4.16.1 - क्षारको जालकं क्लीबे कलिका कोरकः पुमान्





विकासोन्मुखपुष्पम्. (2) - गुच्छक (पुं), स्तबक (पुं)

ईषद्विकासोन्मुखपुष्पम्. (2) - कुट्मल (पुं-नपुं), मुकुल (पुं-नपुं)

2.4.16.2 - स्याद्गुच्छकस्तु स्तबकः कुङ्मलो मुकुलोऽस्त्रियाम्





पुष्पम्. (5) - सुमनस् (स्त्री), पुष्प (नपुं), प्रसून (नपुं), कुसुम (नपुं), सुम (नपुं)

2.4.17.1 - स्त्रियः सुमनसः पुष्पं प्रसूनं कुसुमं सुमम्





पुष्पमधुः. (2) - मकरन्द (पुं), पुष्परस (पुं)

पुष्परेणुः. (2) - पराग (पुं), सुमनोरज (नपुं)

2.4.17.2 - मकरन्दः पुष्परसः परागः सुमनोरजः





हरीतक्याः फलम्. (1) - हरीतकी (स्त्री)

2.4.18.1 - द्विहीनं प्रसवे सर्वं हरीतक्यादयः स्त्रियाम्





अश्वत्थस्य फलम्. (1) - आश्वत्थ (नपुं)

वेणोः फलम्. (1) - वैणव (नपुं)

प्लक्षस्य फलम्. (1) - प्लाक्ष (नपुं)

न्यग्रोधस्य फलम्. (1) - नैयग्रोध (नपुं)

इङ्गुद्याः फलम्. (1) - ऐङ्गुद (नपुं)

2.4.18.2 - आश्वत्थवैणवप्लाक्षनैयग्रोधैङ्गुदम्फले





बृहत्याः फलम्. (1) - बार्हत (नपुं)

जम्बूफलम्. (3) - जम्बू (स्त्री), जम्बु (नपुं), जाम्बव (नपुं)

2.4.19.1 - बार्हतं च फले जम्ब्वा जम्बूः स्त्री जम्बु जाम्बवम्





2.4.19.2 - पुष्पे जातीप्रभृतयः स्वलिङ्गाः व्रीहयः फले





पाटलकुसुमः. (1) - पाटला (स्त्री-नपुं)

2.4.20.1 - विदार्याद्यास्तु मूलेऽपि पुष्पे क्लीबेऽपि पाटला





पिप्पलवृक्षः. (4) - बोधिद्रुम (पुं), चलदल (पुं), पिप्पल (पुं), कुञ्जराशन (पुं)

2.4.20.2 - बोधिद्रुमश्चलदलः पिप्पलः कुञ्जराशनः





पिप्पलवृक्षः. (1) - अश्वत्थ (पुं)

कपित्थः. (4) - कपित्थ (पुं), दधित्थ (पुं), ग्राहिन् (पुं), मन्मथ (पुं)

2.4.21.1 - अश्वत्थेऽथ कपित्थे स्युर्दधित्थग्राहिमन्मथाः





कपित्थः. (3) - दधिफल (पुं), पुष्पफल (पुं), दन्तशठ (पुं)

2.4.21.2 - तस्मिन्दधिफलः पुष्पफलदन्तशठावपि





उदुम्बरः. (4) - उदुम्बर (पुं), जन्तुफल (पुं), यज्ञाङ्ग (पुं), हेमदुग्धक (पुं)

2.4.22.1 - उदुम्बरो जन्तुफलो यज्ञाङ्गो हेमदुग्धकः





कोविदारः. (4) - कोविदार (पुं), चमरिक (पुं), कुद्दाल (पुं), युगपत्रक (पुं)

2.4.22.2 - कोविदारे चमरिकः कुद्दालो युगपत्रकः





सप्तपर्णः. (4) - सप्तपर्ण (पुं), विशालत्वच् (पुं), शारद (पुं), विषमच्छद (पुं)

2.4.23.1 - सप्तपर्णो विशालत्वक्शारदो विषमच्छदः





राजवृक्षः. (4) - आरग्वध (पुं), राजवृक्ष (पुं), सम्पाक (पुं), चतुरङ्गुल (पुं)

2.4.23.2 - आरग्वधे राजवृक्षशम्पाकचतुरङ्गुलाः





राजवृक्षः. (4) - आरेवत (पुं), व्याधिघात (पुं), कृतमाल (पुं), सुवर्णक (पुं)

2.4.24.1 - आरेवतव्याधिघातकृतमालसुवर्णकाः





जम्भीरः. (5) - जम्बीर (पुं), दन्तशठ (पुं), जम्भ (पुं), जम्भीर (पुं), जम्भल (पुं)

2.4.24.2 - स्युर्जम्बीरे दन्तशठजम्भजम्भीरजम्भलाः





वरणः. (5) - वरुण (पुं), वरण (पुं), सेतु (पुं), तिक्तशाक (पुं), कुमारक (पुं)

2.4.25.1 - वरुणो वरणः सेतुस्तिक्तशाकः कुमारकः





पुन्नागः. (5) - पुंनाग (पुं), पुरुष (पुं), तुङ्ग (पुं), केसर (पुं), देववल्लभ (पुं)

2.4.25.2 - पुन्नागे पुरुषस्तुङ्गः केसरो देववल्लभः





निम्बतरुः-वकायिनी. (4) - पारिभद्र (पुं), निम्बतरु (पुं), मन्दार (पुं), पारिजातक (पुं)

2.4.26.1 - पारिभद्रे निम्बतरुर्मन्दारः पारिजातकः





तिनिशः. (5) - तिनिश (पुं), स्यन्दन (पुं), नेमिन् (पुं), रथद्रु (पुं), अतिमुक्तक (पुं)

2.4.26.2 - तिनिशे स्यन्दनो नेमी रथद्रुरतिमुक्तकः





तिनिशः. (2) - वञ्जुल (पुं), चित्रकृत् (पुं)

आम्रातकः-अम्बाडा. (2) - पीतन (पुं), कपीतन (पुं)

2.4.27.1 - वञ्जुलश्चित्रकृच्चाथ द्वौ पीतनकपीतनौ





आम्रातकः-अम्बाडा. (1) - आम्रातक (पुं)

मधूकः. (3) - मधूक (पुं), गुडपुष्प (पुं), मधुद्रुम (पुं)

2.4.27.2 - आम्रातके मधूके तु गुडपुष्पमधुद्रुमौ





मधूकः. (2) - वानप्रस्थ (पुं), मधुष्ठील (पुं)

जलजमधूकः. (1) - मधूलक (पुं)

2.4.28.1 - वानप्रस्थमधुष्ठीलौ जलजेऽत्र मधूलकः





पीलुः. (3) - पीलु (पुं), गुडफल (पुं), स्रंसिन् (पुं)

2.4.28.2 - पीलौ गुडफलः स्रंसी तस्मिंस्तु गिरिसम्भवे





पर्वतपीलुः. (2) - अक्षोट (पुं), कन्दराल (पुं)

अङ्कोलः. (2) - अङ्कोट (पुं), निकोचक (पुं)

2.4.29.1 - अक्षोटकन्दरालौ द्वावङ्कोटे तु निकोचकः





पलाशः. (4) - पलाश (पुं), किंशुक (पुं), पर्ण (पुं), वातपोथ (पुं)

वेतसः. (1) - वेतस (पुं)

2.4.29.2 - पलाशे किंशुकः पर्णो वातपोतोऽथ वेतसे





वेतसः. (5) - रथ (पुं), अभ्रपुष्प (पुं), शीत (पुं), वानीर (पुं), वञ्जुल (पुं)

अम्बुवेतसः. (1) - विदुल (पुं)

2.4.30.1 - रथाभ्रपुष्पविदुरशीतवानीरवञ्जुलाः





अम्बुवेतसः. (3) - परिव्याध (पुं), नादेयी (स्त्री), अम्बुवेतस (पुं)

वेतसः. (1) - विदुल (पुं)

2.4.30.2 - द्वौ परिव्याधविदुलौ नादेयी चाम्बुवेतसे





शिग्रुः. (5) - शोभाञ्जन (पुं), शिग्रु (पुं), तीक्ष्णगन्धक (पुं), आक्षीव (पुं), मोचक (पुं)

2.4.31.1 - शोभाञ्जने शिग्रुतीक्ष्णगन्धकाक्षीवमोचकाः





रक्तशिग्रुः. (1) - मधुशिग्रु (पुं)

अरिष्टः-रीढा. (2) - अरिष्ट (पुं), फेनिल (पुं)

2.4.31.2 - रक्तोऽसौ मधुशिग्रुः स्यादरिष्टः फेनिलः समौ





बिल्ववृक्षः. (5) - बिल्व (पुं), शाण्डिल्य (पुं), शैलूष (पुं), मालूर (पुं), श्रीफल (पुं)

2.4.32.1 - बिल्वे शाण्डिल्यशैलूषौ मालूरश्रीफलावपि





प्लक्षः. (3) - प्लक्ष (पुं), जटिन् (पुं), पर्कटि (पुं)

वटवृक्षः. (3) - न्यग्रोध (पुं), बहुपाद् (पुं), वट (पुं)

2.4.32.2 - प्लक्षो जटी पर्कटी स्यान्न्यग्रोधो बहुपाद्वटः





श्वेतलोध्रः. (6) - गालव (पुं), शाबर (पुं), लोध्र (पुं), तिरीट (पुं), तिल्व (पुं), मार्जन (पुं)

2.4.33.1 - गालवः शाबरो लोध्रस्तिरीटस्तिल्वमार्जनौ





आम्रवृक्षः. (3) - आम्र (पुं), चूत (पुं), रसाल (पुं)

अतिसुगन्धाम्रवृक्षः. (1) - सहकार (पुं)

2.4.33.2 - आम्रश्चूतो रसालोऽसौ सहकारोऽतिसौरभः





गुग्गुलुवृक्षः. (5) - कुम्भ (पुं), उलूखलक (नपुं), कौशिक (पुं), गुग्गुलु (पुं), पुर (पुं)

2.4.34.1 - कुम्भोलूखलकं क्लीबे कौशिको गुग्गुलुः पुरः





शेलुवृक्षः. (5) - शेलु (पुं), श्लेष्मातक (पुं), शीत (पुं), उद्दाल (पुं), बहुवारक (पुं)

2.4.34.2 - शेलुः श्लेष्मातकः शीत उद्दालो बहुवारकः





प्रियालवृक्षः. (4) - राजादन (पुं-नपुं), प्रियाल (पुं), सन्नकद्रु (पुं), धनुष्पट (पुं)

2.4.35.1 - राजादनं प्रियालः स्यात्सन्नकद्रुर्धनुःपटः diflucan cena





काश्मरीवृक्षः. (4) - गम्भारी (स्त्री), सर्वतोभद्रा (स्त्री), काश्मरी (स्त्री), मधुपर्णिका (स्त्री)

2.4.35.2 - गम्भारी सर्वतोभद्रा काश्मरी मधुपर्णिका





काश्मरीवृक्षः. (3) - श्रीपर्णी (स्त्री), भद्रपर्णी (स्त्री), काश्मर्य (पुं)

2.4.36.1 - श्रीपर्णी भद्रपर्णी च काश्मर्यश्चाप्यथ द्वयोः





बदरीवृक्षः. (3) - कर्कन्धू (स्त्री-पुं), बदरी (स्त्री-पुं), कोली (स्त्री-पुं)

बदरीफलम्. (3) - कोल (नपुं), कुवल (नपुं), फेनिल (पुं)

2.4.36.2 - कर्कन्धूर्बदरी कोलिः कोलं कुवलफेनिले





बदरीफलम्. (3) - सौवीर (नपुं), बदर (नपुं), घोण्टा (स्त्री)

विकङ्कतः. (1) - स्वादुकण्टक (पुं)

2.4.37.1 - सौवीरं बदरं घोण्टाप्यथ स्यात्स्वादुकण्टकः





विकङ्कतः. (4) - विकङ्कत (पुं), श्रुवावृक्ष (पुं), ग्रन्थिल (पुं), व्याघ्रपाद् (पुं)

2.4.37.2 - विकङ्कतः स्रुवावृक्षो ग्रन्थिलो व्याघ्रपादपि





नारङ्गी. (2) - ऐरावत (पुं), नागरङ्ग (पुं)

भूमिजम्बुका. (2) - नादेयी (स्त्री), भूमिजम्बुका (स्त्री)

2.4.38.1 - ऐरावतो नागरङ्गो नादेयी भूमिजम्बुका





तिन्दुकः. (4) - तिन्दुक (पुं), स्फूर्जक (पुं), कालस्कन्ध (पुं), शितिसारक (पुं)

2.4.38.2 - तिन्दुकः स्फूर्जकः कालस्कन्धश्च शितिसारके





कटुतिन्दुकः. (4) - काकेन्दु (पुं), कुलक (पुं), काकतिन्दुक (पुं), काकपीलुक (पुं)

2.4.39.1 - काकेन्दुः कुलकः काकतिन्दुकः काकपीलुके





मुष्ककवृक्षः. (5) - गोलीढ (पुं), झाटल (पुं), घण्टापाटलि (स्त्री-पुं), मोक्ष (पुं), मुष्कक (पुं)

2.4.39.2 - गोलीढो झाटलो घण्टापाटलिर्मोक्षमुष्ककौ





तिलकवृक्षः. (3) - तिलक (पुं), क्षुरक (पुं), श्रीमत् (पुं)

झावुकः. (2) - पिचुल (पुं), झावुक (पुं)

2.4.40.1 - तिलकः क्षुरकः श्रीमान्समौ पिचुलझावुकौ





कुम्भी. (5) - श्रीपर्णिका (स्त्री), कुमुदिका (स्त्री), कुम्भी (स्त्री), कैटर्य (पुं), कट्फल (पुं)

2.4.40.2 - श्रीपर्णिका कुमुदिका कुम्भी कैटर्यकट्फलौ





रक्तलोध्रः. (4) - क्रमुक (पुं), पट्टिकाख्य (पुं), पट्टी (स्त्री), लाक्षाप्रसादन (पुं)

2.4.41.1 - क्रमुकः पट्टिकाख्यः स्यात्पट्टी लाक्षाप्रसादनः





पार्श्वपिप्पलः. (5) - नूद (पुं), यूप (पुं), क्रमुक (पुं), ब्रह्मण्य (पुं), ब्रह्मदारु (नपुं)

2.4.41.2 - तूदस्तु यूपः क्रमुको ब्रह्मण्यो ब्रह्मदारु च





पार्श्वपिप्पलः. (1) - तूल (नपुं)

कदम्बः. (4) - नीप (पुं), प्रियक (पुं), कदम्ब (पुं), हलिप्रिय (पुं)

2.4.42.1 - तूलं च नीपप्रियककदम्बास्तु हलिप्रियः





भल्लातकी. (4) - वीरवृक्ष (पुं), अरुष्कर (पुं), अग्निमुखी (स्त्री), भल्लातकी (वि)

2.4.42.2 - वीरवृक्षोऽरुष्करोऽग्निमुखी भल्लातकी त्रिषु





कपीतनवृक्षः. (4) - गर्दभाण्ड (पुं), कन्दराल (पुं), कपीतन (पुं), सुपार्श्वक (पुं)

2.4.43.1 - गर्दभाण्डे कन्दरालकपीतनसुपार्श्वकाः





कपीतनवृक्षः. (1) - प्लक्ष (पुं)

अम्लिकावृक्षः. (3) - तिन्तिडी (स्त्री), चिञ्चा (स्त्री), अम्लिका (स्त्री)

जीवकः. (1) - पीतसारक (पुं)

2.4.43.2 - प्लक्षश्च तिन्तिडी चिञ्चाम्लिकाथो पीतसारके





जीवकः. (5) - सर्जक (पुं), असन (पुं), बन्धूकपुष्प (पुं), प्रियक (पुं), जीवक (पुं)

2.4.44.1 - सर्जकासनबन्धूकपुष्पप्रियकजीवकाः





सालवृक्षः. (5) - साल (पुं), सर्ज (पुं), कार्श्य (पुं), अश्वकर्णक (पुं), सस्यसंवर (पुं)

2.4.44.2 - साले तु सर्जकार्श्याश्वकर्णकाः सस्यसम्वरः





अर्जुनवृक्षः. (5) - नदीसर्ज (पुं), वीरतरु (पुं), इन्द्रद्रु (पुं), ककुभ (पुं), अर्जुन (पुं)

2.4.45.1 - नदीसर्जो वीरतरुरिन्द्रद्रुः ककुभोऽर्जुनः





क्षीरिका. (3) - राजादन (पुं-नपुं), फलाध्यक्ष (पुं), क्षीरिका (स्त्री)

2.4.45.2 - राजादनः फलाध्यक्षः क्षीरिकायामथ द्वयोः





इङ्गुदी. (2) - इङ्गुदी (स्त्री), तापसतरु (पुं)

भूर्जवृक्षः. (3) - भूर्ज (पुं), चर्मिन् (पुं), मृदुत्वच् (पुं)

2.4.46.1 - इङ्गुदी तापसतरुर्भूर्जे चर्मिमृदुत्वचौ





शाल्मलिः. (5) - पिच्छिला (स्त्री), पूरणी (स्त्री), मोचा (स्त्री), स्थिरायुस् (पुं), शाल्मलि (पुं)

2.4.46.2 - पिच्छिला पूरणी मोचा स्थिरायुः शाल्मलिर्द्वयोः





शाल्मलीक्वाथः. (2) - पिच्छा (स्त्री), शाल्मलीवेष्ट (पुं)

कृष्णशाल्मलिः. (2) - रोचन (पुं), कूटशाल्मलि (पुं)

2.4.47.1 - पिच्छा तु शाल्मलीवेष्टे रोचनः कूटशाल्मलिः





करञ्जवृक्षः. (4) - चिरबिल्व (पुं), नक्तमाल (पुं), करज (पुं), करञ्जक (पुं)

2.4.47.2 - चिरबिल्वो नक्तमालः करजश्च करञ्जके





कण्टकवत्करञ्जः. (4) - प्रकीर्य (पुं), पूतिकरज (पुं), पूतिक (पुं), कलिमारक (पुं)

2.4.48.1 - प्रकीर्यः पूतिकरजः पूतिकः कलिमारकः





करञ्जभेदः. (3) - षड्ग्रन्था (स्त्री), मर्कटी (स्त्री), अङ्गारवल्लरी (स्त्री)

2.4.48.2 - करञ्जभेदाः षड्ग्रन्थो मर्कट्यङ्गारवल्लरी





रोहितकवृक्षः. (4) - रोहिन् (पुं), रोहितक (पुं), प्लीहशत्रु (पुं), दाडिमपुष्पक (पुं)

2.4.49.1 - रोही रोहितकः प्लीहशत्रुर्दाडिमपुष्पकः





खदिरः. (4) - गायत्री (स्त्री), बालतनय (पुं), खदिर (पुं), दन्तधावन (पुं)

2.4.49.2 - गायत्री बालतनयः खदिरो दन्तधावनः





दुर्गन्धिखदिरः. (2) - अरिमेद (पुं), विट्खदिर (पुं)

श्वेतखदिरः. (1) - कदर (पुं)

2.4.50.1 - अरिमेदो विट्खदिरे कदरः खदिरे सिते





श्वेतखदिरः. (1) - सोमवल्क (पुं)

एरण्डः. (2) - व्याघ्रपुच्छ (पुं), गन्धर्वहस्तक (पुं)

2.4.50.2 - सोमवल्कोऽप्यथ व्याघ्रपुच्छगन्धर्वहस्तकौ





एरण्डः. (4) - एरण्ड (पुं), उरुबूक (पुं), रुचक (पुं), चित्रक (पुं)

2.4.51.1 - एरण्ड उरुबूकश्च रुचकश्चित्रकश्च सः





एरण्डः. (5) - चञ्चु (पुं), पञ्चाङ्गुल (पुं), मण्ड (पुं), वर्धमान (पुं), व्यडम्बक (पुं)

2.4.51.2 - चञ्चुः पञ्चाङ्गुलो मण्डवर्धमानव्यडम्बकाः





अल्पशमी. (1) - शमीर (पुं)

शमीवृक्षः. (3) - शमी (स्त्री), सक्तुफला (स्त्री), शिवा (स्त्री)

2.4.52.1 - अल्पा शमी शमीरः स्याच्छमीसक्तुफला शिवा





मयनफलवृक्षः. (4) - पिण्डीतक (पुं), मरुबक (पुं), श्वसन (पुं), करहाटक (पुं)

2.4.52.2 - पिण्डीतको मरुबकः श्वसनः करहाटकः





मयनफलवृक्षः. (2) - शल्य (पुं), मदन (पुं)

देवदारुवृक्षः. (2) - शक्रपादप (पुं), पारिभद्रक (पुं)

2.4.53.1 - शल्यश्च मदने शक्रपादपः पारिभद्रकः





देवदारुवृक्षः. (4) - भद्रदारु (पुं-नपुं), द्रुकिलिम (नपुं), पीतदारु (नपुं), दारु (नपुं)

2.4.53.2 - भद्रदारु द्रुकिलिमं पीतदारु च दारु च





देवदारुवृक्षः. (2) - पूतिकाष्ठ (नपुं), देवदारु (पुं-नपुं)

2.4.54.1 - पूतिकाष्ठं च सप्त स्युर्देवदारुण्यथ द्वयोः





पाटला. (5) - पाटलि (स्त्री-पुं), पाटला (स्त्री), अमोघा (स्त्री), काचस्थाली (स्त्री), फलेरुहा (स्त्री)

2.4.54.2 - पाटलिः पाटला मोघा काचस्थाली फलेरुहा





पाटला. (2) - कृष्णवृन्ता (स्त्री), कुबेराक्षी (स्त्री)

प्रियङ्गुवृक्षः. (2) - श्यामा (स्त्री), महिलाह्वय (स्त्री)

2.4.55.1 - कृष्णवृन्ता कुबेराक्षी श्यामा तु महिलाह्वया





प्रियङ्गुवृक्षः. (6) - लता (स्त्री), गोवन्दनी (स्त्री), गुन्द्रा (स्त्री), प्रियङ्गु (स्त्री), फलिनी (स्त्री), फली (स्त्री)

2.4.55.2 - लता गोवन्दनी गुन्द्रा प्रियङ्गुः फलिनी फली





प्रियङ्गुवृक्षः. (4) - विष्वक्सेना (स्त्री), गन्धफली (स्त्री), कारम्भा (स्त्री), प्रियक (पुं)

2.4.56.1 - विष्वक्सेना गन्धफली कारम्भा प्रियकश्च सा





शोणकः. (5) - मण्डूकपर्ण (पुं), पत्रोर्ण (पुं), नट (पुं), कट्वङ्ग (पुं), टुण्टुक (पुं)

2.4.56.2 - मण्डूकपर्णपत्रोर्णनटकट्वङ्गटुण्टुकाः





शोणकः. (5) - स्योनाक (पुं), शुकनास (पुं), ऋक्ष (पुं), दीर्घवृन्त (पुं), कुटन्नट (पुं)

2.4.57.1 - स्योनाकशुकनासर्क्षदीर्घवृन्तकुटन्नटाः





शोणकः. (2) - शोणक (पुं), अरलु (पुं)

आमलकी. (2) - तिष्यफला (स्त्री), आमलकी (वि)

2.4.57.2 - शोणकश्चारलौ तिष्यफला त्वामलकी त्रिषु





आमलकी. (2) - अमृता (स्त्री), वयःस्था (स्त्री)

विभीतकी. (1) - विभीतक (वि)

2.4.58.1 - अमृता च वयस्था च त्रिलिङ्गस्तु बिभीतकः





विभीतकी. (5) - अक्ष (पुं), तुष (पुं), कर्षफल (पुं), भूतावास (पुं), कलिद्रुम (पुं)

2.4.58.2 - नाक्षस्तुषः कर्षफलो भूतावासः कलिद्रुमः





हरीतकी. (6) - अभया (स्त्री), अव्यथा (स्त्री), पथ्या (स्त्री), कायस्था (स्त्री), पूतना (स्त्री), अमृता (स्त्री)

2.4.59.1 - अभया त्वव्यथा पथ्या कायस्था पूतनामृता





हरीतकी. (5) - हरीतकी (स्त्री), हैमवती (स्त्री), चेतकी (स्त्री), श्रेयसी (स्त्री), शिवा (स्त्री)

2.4.59.2 - हरीतकी हैमवती चेतकी श्रेयसी शिवा





सरला. (3) - पीतद्रु (पुं), सरल (पुं), पूतिकाष्ठ (नपुं)

कर्णिकारः. (1) - द्रुमोत्पल (पुं)

2.4.60.1 - पीतद्रुः सरलः पूतिकाष्ठं चाथ द्रुमोत्पलः





कर्णिकारः. (2) - कर्णिकार (पुं), परिव्याध (पुं)

लिकुचः. (3) - लकुच (पुं), लिकुच (पुं), डहु (पुं)

2.4.60.2 - कर्णिकारः परिव्याधो लकुचो लिकुचो डहुः





पनसवृक्षः. (2) - पनस (पुं), कण्टकिफल (पुं)

जलवेतसः. (3) - निचुल (पुं), हिज्जल (पुं), अम्बुज (पुं)

2.4.61.1 - पनसः कण्टकिफलो निचुलो हिज्जलोऽम्बुजः





कदुम्बरी. (4) - काकोदुम्बरिका (स्त्री), फल्गु (नपुं), मलपू (स्त्री), जघनेफला (स्त्री)

2.4.61.2 - काकोदुम्बरिका फल्गुर्मलयूर्जघनेफला





निम्बः. (4) - अरिष्ट (पुं), सर्वतोभद्र (पुं), हिङ्गुनिर्यास (पुं), मालक (पुं)

2.4.62.1 - अरिष्टः सर्वतोभद्रहिङ्गुनिर्यासमालकाः





निम्बः. (2) - पिचुमन्द (पुं), निम्ब (पुं)

शिंशपा. (3) - पिच्छिल (वि), अगुरु (नपुं), शिंशपा (स्त्री)

2.4.62.2 - पिचुमन्दश्च निम्बेऽथ पिच्छिलागुरुशिंशपा





शुक्लसारशिंशपा. (2) - कपिला (स्त्री), भस्मगर्भा (स्त्री)

शिरीषः. (2) - शिरीष (पुं), कपीतन (पुं)

2.4.63.1 - कपिला भस्मगर्भा सा शिरीषस्तु कपीतनः





शिरीषः. (1) - भण्डिल (पुं)

चम्पकः. (3) - चाम्पेय (पुं), चाम्पक (पुं), हेमपुष्पक (पुं)

2.4.63.2 - भण्डिलोऽप्यथ चाम्पेयश्चम्पको हेमपुष्पकः





चम्पककलिका. (1) - गन्धफली (स्त्री)

बकुलः. (1) - केसर (पुं-नपुं)

2.4.64.1 - एतस्य कलिका गन्धफली स्यादथ केसरे





बकुलः. (1) - बकुल (पुं)

अशोकः. (2) - वञ्जुल (पुं), अशोक (पुं)

दाडिमः. (2) - करक (पुं), दाडिम (पुं)

2.4.64.2 - बकुलो वञ्जुलोऽशोके समौ करकदाडिमौ





चाम्पेयः. (4) - चाम्पेय (पुं), केसर (पुं), नागकेसर (पुं), काञ्चनाह्वय (पुं)

2.4.65.1 - चाम्पेयः केसरो नागकेसरः काञ्चनाह्वयः





अम्ब्वरणिः. (5) - जया (स्त्री), जयन्ती (स्त्री), तर्कारी (स्त्री), नादेयी (स्त्री), वैजयन्तिका (स्त्री)

2.4.65.2 - जया जयन्ती तर्कारी नादेयी वैजयन्तिका





अरणिः. (4) - श्रीपर्ण (नपुं), अग्निमन्थ (पुं), कणिका (स्त्री), गणिकारिका (स्त्री)

2.4.66.1 - श्रीपर्णमग्निमन्थः स्यात्कर्णिका गणिकारिका





अरणिः. (1) - जय (पुं)

कुटजः. (4) - कुटज (पुं), शक्र (पुं), वत्सक (पुं), गिरिमल्लिका (स्त्री)

2.4.66.2 - जयोऽथ कुटजः शक्रो वत्सको गिरिमल्लिका





कुटजबीजम्. (3) - कलिङ्ग (नपुं), इन्द्रयव (नपुं), भद्रयव (नपुं)

2.4.67.1 - एतस्यैव कलिङ्गेन्द्रयवभद्रयवं फले





करमर्दकः. (4) - कृष्णपाकफल (पुं), आविग्न (पुं), सुषेण (पुं), करमर्दक (पुं)

2.4.67.2 - कृष्णपाकफलाविग्नसुषेणाः करमर्दके





तमालः. (3) - कालस्कन्ध (पुं), तमाल (पुं), तापिच्छ (पुं)

सिन्दुवारः. (1) - सिन्दुक (पुं)

2.4.68.1 - कालस्कन्धस्तमालः स्यात्तापिच्छोऽप्यथ सिन्दुके





सिन्दुवारः. (4) - सिन्दुवार (पुं), इन्द्रसुरस (पुं), निर्गुण्डी (स्त्री), इन्द्राणिका (स्त्री)

2.4.68.2 - सिन्दुवारेन्द्रसुरसौ निर्गुण्डीन्द्राणिकेत्यपि





देवतालः. (5) - वेणी (स्त्री), खरा (स्त्री), गरी (स्त्री), देवताड (पुं), जीमूत (पुं)

2.4.69.1 - वेणी खरा गरी देवताडो जीमूत इत्यपि





हस्तिकर्णाभपत्रः. (2) - श्रीहस्तिनी (स्त्री), भूरुण्डी (स्त्री)

मल्लिका. (2) - तृणशून्य (नपुं), मल्लिका (स्त्री)

2.4.69.2 - श्रीहस्तिनी तु भूरुण्डी तृणशून्यं तु मल्लिका





मल्लिका. (2) - भूपदी (स्त्री), शीतभीरु (पुं)

वनमल्ली. (1) - आस्फोटा (स्त्री)

2.4.70.1 - भूपदी शीतभीरुश्च सैवास्फोटा वनोद्भवा





कृष्णनिर्गुण्डी. (4) - शेफालिका (स्त्री), सुवहा (स्त्री), निर्गुण्डी (स्त्री), नीलिका (स्त्री)

2.4.70.2 - शेफालिका तु सुवहा निर्गुण्डी नीलिका च सा





श्वेतनिर्गुण्डी. (3) - सिता (स्त्री), श्वेतसुरसा (स्त्री), भूतवेशी (स्त्री)

यूथिका. (1) - मागधी (स्त्री)

2.4.71.1 - सितासौ श्वेतसुरसा भूतवेश्यथ मागधी





यूथिका. (3) - गणिका (स्त्री), यूथिका (स्त्री), अम्बष्ठा (स्त्री)

पीतयूथिका. (1) - हेमपुष्पिका (स्त्री)

2.4.71.2 - गणिका यूथिकाम्बष्ठा सा पीता हेमपुष्पिका





कुन्दभेदः. (5) - अतिमुक्त (पुं), पुण्ड्रक (पुं), वासन्ती (स्त्री), माधवी (स्त्री), लता (स्त्री)

2.4.72.1 - अतिमुक्तः पुण्ड्रकः स्याद्वासन्ती माधवी लता





मालती. (3) - सुमनस् (स्त्री), मालती (स्त्री), जाति (स्त्री)

नवमालिका. (2) - सप्तला (स्त्री), नवमालिका (स्त्री)

2.4.72.2 - सुमना मालती जातिः सप्तला नवमालिका





कुन्दम्. (2) - माध्य (पुं-नपुं), कुन्द (पुं-नपुं)

बन्धूकः. (3) - रक्तक (पुं), बन्धूक (पुं), बन्धुजीवक (पुं)

2.4.73.1 - माध्यं कुन्दं रक्तकस्तु बन्धूको बन्धुजीवकः





कुमारी. (3) - सहा (स्त्री), कुमारी (स्त्री), तरणि (पुं)

महासहा. (2) - अम्लान (पुं), महासहा (स्त्री)

2.4.73.2 - सहा कुमारी तरणिरम्लानस्तु महासहा





रक्तमहासहा. (1) - कुरबक (पुं)

पीतमहासहा. (1) - कुरण्टक (पुं)

2.4.74.1 - तत्र शोणे कुरबकस्तत्र पीते कुरण्टकः





नीलझिण्टिका. (5) - नीली (स्त्री), झिण्टी (स्त्री), बाणा (स्त्री-पुं), दासी (स्त्री), आर्तगल (पुं)

2.4.74.2 - नीली झिण्टी द्वयोर्बाणा दासी चार्तगलश्च सा





झिण्टीसामान्यम्. (2) - सैरेयक (पुं), झिण्टी (स्त्री)

रक्तझिण्टिका. (1) - कुरबक (पुं)

2.4.75.1 - सैरेयकस्तु झिण्टी स्यात्तस्मिन्कुरबकोऽरुणे





पीतझिण्टिका. (2) - कुरण्टक (पुं), सहचरी (स्त्री-पुं)

2.4.75.2 - पीता कुरण्टको झिण्टी तस्मिन्सहचरी द्वयोः





जपा. (2) - ओड्रपुष्प (नपुं), जपापुष्प (नपुं)

तिलपुष्पम्. (1) - वज्रपुष्प (नपुं)

2.4.76.1 - ओण्ड्रपुष्पं जपापुष्पं वज्रपुष्पं तिलस्य यत्





करवीरः. (4) - प्रतिहास (पुं), शतप्रास (पुं), चण्डात (पुं), हयमारक (पुं)

2.4.76.2 - प्रतिहासशतप्रासचण्डातहयमारकाः





करवीरः. (1) - करवीर (पुं)

करीरः. (3) - करीर (पुं), क्रकर (पुं), ग्रन्थिल (पुं)

2.4.77.1 - करवीरे करीरे तु क्रकरग्रन्थिलावुभौ





धत्तूरः. (5) - उन्मत्त (पुं), कितव (पुं), धूर्त (पुं), धत्तूर (पुं), कनकाह्वय (पुं)

2.4.77.2 - उन्मत्तः कितवो धूर्तो धत्तूरः कनकाह्वयः





धत्तूरः. (2) - मातुल (पुं), मदन (पुं)

धत्तूरफलम्. (1) - मातुलपुत्रक (पुं)

2.4.78.1 - मातुलो मदनश्चास्य फले मातुलपुत्रकः





मातुलिङ्गकः. (4) - फलपूर (पुं), बीजपूर (पुं), रुचक (पुं), मातुलुङ्गक (पुं)

2.4.78.2 - फलपूरो बीजपूरो रुचको मातुलुङ्गके





जम्बीरः. (4) - समीरण (पुं), मरुबक (पुं), प्रस्थपुष्प (पुं), फणिज्जक (पुं)

2.4.79.1 - समीरणो मरुबकः प्रस्थपुष्पः फणिज्जकः





जम्बीरः. (1) - जम्बीर (पुं)

पर्णासः. (3) - पर्णास (पुं), कठिञ्जर (पुं), कुठेरक (पुं)

2.4.79.2 - जम्बीरोऽप्यथ पर्णासे कठिञ्जरकुठेरकौ





श्वेतपर्णासः. (1) - अर्जक (पुं)

चित्रकः. (3) - पाठिन् (पुं), चित्रक (पुं), वह्निसंज्ञक (पुं)

2.4.80.1 - सितेऽर्जकोऽत्र पाठी तु चित्रको वह्निसंज्ञकः





अर्कः. (5) - अर्काह्व (पुं), वसुक (पुं), आस्फोट (पुं), गणरूप (पुं), विकीरण (पुं)

2.4.80.2 - अर्काह्ववसुकास्फोटगणरूपविकीरणाः





अर्कः. (2) - मन्दार (पुं), अर्कपर्ण (पुं)

श्वेतार्कः. (2) - अलर्क (पुं), प्रतापस (पुं)

2.4.81.1 - मन्दारश्चार्कपर्णोऽत्र शुक्लेऽलर्कप्रतापसौ





बकपुष्पम्. (5) - शिवमल्ली (स्त्री), पाशुपत (पुं), एकाष्ठील (पुं), बुक (पुं), वसु (पुं)

2.4.81.2 - शिवमल्ली पाशुपत एकाष्ठीलो बुको वसुः





वृक्षरुहा. (4) - वन्दा (स्त्री), वृक्षादनी (स्त्री), वृक्षरुहा (स्त्री), जीवन्तिका (स्त्री)

2.4.82.1 - वन्दा वृक्षादनी वृक्षरुहा जीवन्तिकेत्यपि





गुडूची. (5) - वत्सादनी (स्त्री), छिन्नरुहा (स्त्री), गुडूची (स्त्री), तन्त्रिका (स्त्री), अमृता (स्त्री)

2.4.82.2 - वत्सादनी छिन्नरुहा गुडूची तन्त्रिकामृता





गुडूची. (4) - जीवन्तिका (स्त्री), सोमवल्ली (स्त्री), विशल्या (स्त्री), मधुपर्णी (स्त्री)

2.4.83.1 - जीवन्तिका सोमवल्ली विशल्या मधुपर्ण्यपि





मूर्वा. (6) - मूर्वा (स्त्री), देवी (स्त्री), मधुरसा (स्त्री), मोरटा (स्त्री), तेजनी (स्त्री), स्रवा (स्त्री)

2.4.83.2 - मूर्वा देवी मधुरसा मोरटा तेजनी स्रवा





मूर्वा. (4) - मधूलिका (स्त्री), मधुश्रेणी (स्त्री), गोकर्णी (स्त्री), पीलुपर्णी (स्त्री)

2.4.84.1 - मधूलिका मधुश्रेणी गोकर्णी पीलुपर्ण्यपि





पाटा. (6) - पाटा (स्त्री), अम्बष्ठा (स्त्री), विद्धकर्णी (स्त्री), स्थापनी (स्त्री), श्रेयसी (स्त्री), रसा (स्त्री)

2.4.84.2 - पाटाम्बष्टा विद्धकर्णी स्थापनी श्रेयसी रसा





पाटा. (4) - एकाष्टीला (स्त्री), पापचेली (स्त्री), प्राचीना (स्त्री), वनतिक्तका (स्त्री)

2.4.85.1 - एकाष्ठीला पापचेली प्राचीना वनतिक्तिका





कटुरोहिणी. (4) - कटु (स्त्री), कटम्भरा (स्त्री), अशोकरोहिणी (स्त्री), कटुरोहिणी (स्त्री)

2.4.85.2 - कटुः कटम्भराशोकरोहिणी कटुरोहिणी





कटुरोहिणी. (4) - मत्स्यपित्ता (स्त्री), कृष्णभेदी (स्त्री), चक्राङ्गी (स्त्री), शकुलादनी (स्त्री)

2.4.86.1 - मत्स्यपित्ता कृष्णभेदी चक्राङ्गी शकुलादनी





मर्कटी. (5) - आत्मगुप्ता (स्त्री), जहा (स्त्री), अव्यण्डा (स्त्री), कण्डूरा (स्त्री), प्रावृषायणी (स्त्री)

2.4.86.2 - आत्मगुप्ताजहाव्यण्डा कण्डुरा प्रावृषायणी





मर्कटी. (4) - ऋष्यप्रोक्ता (स्त्री), शूकशिम्बि (स्त्री), कपिकच्छू (स्त्री), मर्कटी (स्त्री)

2.4.87.1 - ऋष्यप्रोक्ता शूकशिम्बिः कपिकच्छुश्च मर्कटी





मूषिकपर्णी. (6) - चित्रा (स्त्री), उपचित्रा (स्त्री), न्यग्रोधी (स्त्री), द्रवन्ती (स्त्री), शम्बरी (स्त्री), वृषा (स्त्री)

2.4.87.2 - चित्रोपचित्रा न्यग्रोधी द्रवन्ती शम्बरी वृषा





मूषिकपर्णी. (4) - प्रत्यक्श्रेणी (स्त्री), सुतश्रेणी (स्त्री), रण्डा (स्त्री), मूषिकपर्णी (स्त्री)

2.4.88.1 - प्रत्यक्श्रेणी सुतश्रेणी रण्डा मूषिकपर्ण्यपि





अपामार्गः. (4) - अपामार्ग (पुं), शैखरिक (पुं), धामार्गव (पुं), मयूरक (पुं)

2.4.88.2 - अपामार्गः शैखरिको धामार्गवमयूरकौ





अपामार्गः. (4) - प्रत्यक्पर्णी (स्त्री), केशपर्णी (स्त्री), किणिही (स्त्री), खरमञ्जरी (स्त्री)

2.4.89.1 - प्रत्यक्पर्णी केशपर्णी किणिही खरमञ्जरी





भार्गी. (5) - हञ्जिका (स्त्री), ब्राह्मणी (स्त्री), पद्मा (स्त्री), भार्गी (स्त्री), ब्राह्मणयष्टिका (स्त्री)

2.4.89.2 - हञ्जिका ब्राम्हणी पद्मा भर्गी ब्राह्मणयष्टिका





भार्गी. (4) - अङ्गारवल्ली (स्त्री), बालेयशाक (पुं), बर्बर (पुं), वर्धक (पुं)

2.4.90.1 - अङ्गारवल्ली बालेयशाकबर्बरवर्धकाः





मञ्जिष्टा. (5) - मञ्जिष्टा (स्त्री), विकसा (स्त्री), जिङ्गी (स्त्री), समङ्गा (स्त्री), कालमेषिका (स्त्री)

2.4.90.2 - मञ्जिष्टा विकसा जिङ्गी समङ्गा कालमेषिका





मञ्जिष्टा. (4) - मण्डूकपर्णी (स्त्री), भण्डीरी (स्त्री), भण्डी (स्त्री), योजनवल्ली (स्त्री)

2.4.91.1 - मण्डूकपर्णी भण्डीरी भण्डी योजनवल्ल्यपि





धन्वयासः. (5) - यास (पुं), यवास (पुं), दुःस्पर्श (पुं), धन्वयास (पुं), कुनाशक (पुं)

2.4.91.2 - यासो यवासो दुःस्पर्शो धन्वयासः कुनाशकः





धन्वयासः. (5) - रोदनी (स्त्री), कच्छु (स्त्री), अनन्ता (स्त्री), समुद्रान्ता (स्त्री), दुरालभा (स्त्री)

2.4.92.1 - रोदनी कच्छुरानन्ता समुद्रान्ता दुरालभा





सिंहिपुच्छी. (4) - पृश्निपर्णी (स्त्री), पृथक्पर्णी (स्त्री), चित्रपर्णी (स्त्री), अङ्घ्रिवल्लिका (स्त्री)

2.4.92.2 - पृश्निपर्णी पृथक्पर्णी चित्रपर्ण्यङ्घ्रिवल्लिका





सिंहिपुच्छी. (5) - क्रोष्टुविन्ना (स्त्री), सिंहपुच्छी (स्त्री), कलशी (स्त्री), धावनी (स्त्री), गुहा (स्त्री)

2.4.93.1 - क्रोष्टुविन्ना सिंहपुच्छी कलशिर्धावनिर्गुहा





कण्टकारिका. (5) - निदिग्धिका (स्त्री), स्पृशी (स्त्री), व्याघ्री (स्त्री), बृहती (स्त्री), कण्टकारिका (स्त्री)

2.4.93.2 - निदिग्धिका स्पृशी व्याघ्री बृहती कण्टकारिका





कण्टकारिका. (5) - प्रचोदनी (स्त्री), कुली (स्त्री), क्षुद्रा (स्त्री), दुःस्पर्शा (स्त्री), राष्ट्रिका (स्त्री)

2.4.94.1 - प्रचोदनी कुली क्षुद्रा दुःस्पर्शा राष्ट्रिकेत्यपि





नीली. (5) - नीली (स्त्री), काला (स्त्री), क्लीतकिका (स्त्री), ग्रामीणा (स्त्री), मधुपर्णिका (स्त्री)

2.4.94.2 - नीली काला क्लीतकिका ग्रामीणा मधुपर्णिका





नीली. (6) - रञ्जनी (स्त्री), श्रीफली (स्त्री), तुत्था (स्त्री), द्रोणी (स्त्री), दोला (स्त्री), नीलिनी (स्त्री)

2.4.95.1 - रञ्जनी श्रीफली तुत्था द्रोणी दोला च नीलिनी





बाकुची. (4) - अवल्गुज (पुं), सोमराजी (स्त्री), सुवल्ली (स्त्री), सोमवल्लिका (स्त्री)

2.4.95.2 - अवल्गुजः सोमराजी सुवल्लिः सोमवल्लिका





बाकुची. (4) - कालमेषी (स्त्री), कृष्णफली (स्त्री), बाकुची (स्त्री), पूतिफली (स्त्री)

2.4.96.1 - कालमेषी कृष्णफली बाकुची पूतिफल्यपि





पिप्पली. (6) - कृष्णा (स्त्री), उपकुल्या (स्त्री), वैदेही (स्त्री), मागधी (स्त्री), चपला (स्त्री), कणा (स्त्री)

2.4.96.2 - कृष्णोपकुल्या वैदेही मागधी चपला कणा





पिप्पली. (4) - उषणा (स्त्री), पिप्पली (स्त्री), शौण्डी (स्त्री), कोला (स्त्री)

गजपिप्पली. (1) - करिपिप्पली (स्त्री)

2.4.97.1 - उषणा पिप्पली शौण्डी कोलाथ करिपिप्पली





गजपिप्पली. (4) - कपिवल्ली (स्त्री), कोलवल्ली (स्त्री), श्रेयसी (स्त्री), वशिर (पुं)

2.4.97.2 - कपिवल्ली कोलवल्ली श्रेयसी वशिरः पुमान्





चव्यम्. (2) - चव्य (नपुं), चविका (स्त्री)

काकचिञ्चा. (3) - काकचिञ्चा (स्त्री), गुञ्जा (स्त्री), कृष्णला (स्त्री)

2.4.98.1 - चव्यं तु चविका काकचिञ्चीगुञ्जे तु कृष्णला





गोक्षुरकः. (4) - पलङ्कषा (स्त्री), इक्षुगन्धा (स्त्री), श्वदंष्ट्रा (स्त्री), स्वादुकण्टक (पुं)

2.4.98.2 - पलङ्कषा त्विक्षुगन्धा श्वदंष्ट्रा स्वादुकण्टकः





गोक्षुरकः. (3) - गोकण्टक (पुं), गोक्षुरक (पुं), वनशृङ्गाट (पुं)

2.4.99.1 - गोकण्टको गोक्षुरको वनशृङ्गाट इत्यपि





अतिविषा. (6) - विश्वा (स्त्री), विषा (स्त्री), प्रतिविषा (स्त्री), अतिविषा (स्त्री), उपविषा (स्त्री), अरुणा (स्त्री)

2.4.99.2 - विश्वा विषा प्रतिविषातिविषोपविषारुणा





अतिविषा. (2) - शृङ्गी (स्त्री), महौषध (नपुं)

दुग्धिका. (2) - क्षीरावी (स्त्री), दुग्धिका (स्त्री)

2.4.100.1 - शृङ्गी महौषधं चाथ क्षीरावी दुग्धिका समे





शतावरी. (5) - शतमूली (स्त्री), बहुसुता (स्त्री), भीरु (स्त्री), इन्दीवरी (स्त्री), वरी (स्त्री)

2.4.100.2 - शतमूली बहुसुताभीरूरिन्दीवरी वरी





शतावरी. (4) - ऋष्यप्रोक्ता (स्त्री), भीरुपत्री (स्त्री), नारायणी (स्त्री), शतावरी (स्त्री)

2.4.101.1 - ऋष्यप्रोक्ताभीरुपत्रीनारायण्यः शतावरी





शतावरी. (1) - अहेरु (स्त्री)

दारुहरिद्रा. (3) - पीतद्रु (पुं), कालीयक (पुं), हरिद्रव (पुं)

2.4.101.2 - अहेरुरथ पीतद्रुकालीयकहरिद्रवः





दारुहरिद्रा. (4) - दार्वी (स्त्री), पचम्पचा (स्त्री), दारुहरिद्रा (स्त्री), पर्जनी (स्त्री)

2.4.102.1 - दार्वी पचम्पचा दारुहरिद्रा पर्जनीत्यपि





वचा. (5) - वचा (स्त्री), उग्रगन्धा (स्त्री), षड्ग्रन्था (स्त्री), गोलोमी (स्त्री), शतपर्विका (स्त्री)

2.4.102.2 - वचोग्रगन्धा षड्ग्रन्था गोलोमी शतपर्विका





श्वेतमूलवचा. (1) - हैमवती (स्त्री)

वाशा. (3) - वैद्यमातृ (स्त्री), सिंही (स्त्री), वाशिका (स्त्री)

2.4.103.1 - शुक्ला हैमवती वैद्यमातृसिंह्यौ तु वाशिका





वाशा. (5) - वृष (पुं), अटरूष (पुं), सिंहास्य (पुं), वासक (पुं), वाजिदन्तक (पुं)

2.4.103.2 - वृषोऽटरूषः सिंहास्यो वासको वाजिदन्तकः





विष्णुक्रान्ता. (4) - आस्फोटा (स्त्री), गिरिकर्णी (स्त्री), विष्णुक्रान्ता (स्त्री), अपराजिता (स्त्री)

2.4.104.1 - आस्फोटा गिरिकर्णी स्याद्विष्णुक्रान्तापराजिता





इक्षुगन्धा. (5) - इक्षुगन्धा (स्त्री), काण्डेक्षु (पुं), कोकिलाक्ष (पुं), इक्षुर (पुं), क्षुर (पुं)

2.4.104.2 - इक्षुगन्धा तु काण्डेक्षुकोकिलाक्षेक्षुरक्षुराः





मधुरिका. (5) - शालेय (पुं), शीतशिव (पुं), छत्रा (स्त्री), मधुरिका (स्त्री), मिसि (स्त्री)

2.4.105.1 - शालेयः स्याच्छीतशिवश्छत्रा मधुरिका मिसिः





मधुरिका. (1) - मिश्रेय (पुं)

सीहुण्डः. (5) - सीहुण्ड (पुं), वज्रद्रु (पुं), स्नुक् (स्त्री), स्नुही (स्त्री), गुडा (स्त्री)

2.4.105.2 - मिश्रेयाप्यथ सीहुण्डो वज्रः स्नुक्स्त्री स्नुही गुडा





सीहुण्डः. (1) - समन्तदुग्धा (स्त्री)

विडङ्गम्. (3) - वेल्ल (पुं-नपुं), अमोघा (स्त्री), चित्रतण्डुला (स्त्री)

2.4.106.1 - समन्तदुग्धाथो वेल्लममोघा चित्रतण्डुला





विडङ्गम्. (3) - तण्डुल (पुं), कृमिघ्न (पुं), विडङ्ग (पुं-नपुं)

2.4.106.2 - तण्डुलश्च कृमिघ्नश्च विडङ्गं पुन्नपुंसकम्





बला. (2) - बला (स्त्री), वाट्यालक (पुं)

घण्टारवा. (2) - घण्टारवा (स्त्री), शणपुष्पिका (स्त्री)

2.4.107.1 - बला वाट्यालका घण्टारवा तु शणपुष्पिका





द्राक्षा. (5) - मृद्वीका (स्त्री), गोस्तनी (स्त्री), द्राक्षा (स्त्री), स्वाद्वी (स्त्री), मधुरसा (स्त्री)

2.4.107.2 - मृद्वीका गोस्तनी द्राक्षा स्वाद्वी मधुरसेति च





शुक्लत्रिधारा. (5) - सर्वानुभूति (स्त्री), सरला (स्त्री), त्रिपुटा (स्त्री), त्रिवृता (स्त्री), त्रिवृत् (स्त्री)

2.4.108.1 - सर्वानुभूतिः सरला त्रिपुटा त्रिवृता त्रिवृत्





शुक्लत्रिधारा. (2) - त्रिभण्डी (स्त्री), रोचनी (स्त्री)

श्यामत्रिधारा. (3) - श्यामा (स्त्री), पालिन्दी (स्त्री), सुषेणिका (स्त्री)

2.4.108.2 - त्रिभण्डी रोचनी श्यामापालिन्द्यौ तु सुषेणिका





श्यामत्रिधारा. (4) - काला (स्त्री), मसूरविदला (स्त्री), अर्धचन्द्रा (स्त्री), कालमेषिका (स्त्री)

2.4.109.1 - काला मसूरविदलार्धचन्द्रा कालमेषिका





यष्टिमधुकम्. (4) - मधुक (नपुं), क्लीतक (नपुं), यष्टिमधुक (नपुं), मधुयष्टिका (स्त्री)

2.4.109.2 - मधुकं क्लीतकं यष्टिमधुकं मधुयष्टिका





कृष्णभूकूश्माण्डः. (5) - विदारी (स्त्री), क्षीरशुक्ला (स्त्री), इक्षुगन्धा (स्त्री), क्रोष्ट्री (स्त्री), सिता (स्त्री)

2.4.110.1 - विदारी क्षीरशुक्लेक्षुगन्धा क्रोष्टी च या सिता





शुक्लभूकूश्माण्डः. (3) - क्षीरविदारी (स्त्री), महाश्वेता (स्त्री), ऋक्षगन्धिका (स्त्री)

2.4.110.2 - अन्या क्षीरविदारी स्यान्महाश्वेतर्क्षगन्धिका





जलपिप्पली. (4) - लाङ्गली (स्त्री), शारदी (स्त्री), तोयपिप्पली (स्त्री), शकुलादनी (स्त्री)

2.4.111.1 - लाङ्गली शारदी तोयपिप्पली शकुलादनी





कारवी. (5) - खराश्वा (स्त्री), कारवी (स्त्री), दीप्य (पुं), मयूर (पुं), लोचमस्तक (पुं)

2.4.111.2 - खराश्वा कारवी दीप्यो मयूरो लोचमस्तकः





शारिवा. (5) - गोपी (स्त्री), श्यामा (स्त्री), शारिवा (स्त्री), अनन्ता (स्त्री), उत्पलशारिवा (स्त्री)

2.4.112.1 - गोपी श्यामा शारिवा स्यादनन्तोत्पलशारिवा





ऋद्ध्याख्यौषधिः. (4) - योग्य (नपुं), ऋद्धि (स्त्री), सिद्धि (स्त्री), लक्ष्मी (स्त्री)

वृद्ध्याख्यौषधिः. (2) - वृद्धि (स्त्री), आह्वय (पुं)

2.4.112.2 - योग्यमृद्धिः सिद्धिलक्ष्म्यौ वृद्धेरप्याह्वया इमे





कदली. (5) - कदली (स्त्री), वारणबुसा (स्त्री), रम्भा (स्त्री), मोचा (स्त्री), अंशुमत्फला (स्त्री)

2.4.113.1 - कदली वारणबुसा रम्भा मोचांशुमत्फला





कदली. (1) - काष्ठीला (स्त्री)

काकमुद्गा. (3) - मुद्गपर्णी (स्त्री), काकमुद्गा (स्त्री), सहा (स्त्री)

2.4.113.2 - काष्ठीला मुद्गपर्णी तु काकमुद्गा सहेत्यपि





भण्डाकी. (5) - वार्ताकी (स्त्री), हिङ्गुली (स्त्री), सिंही (स्त्री), भण्डाकी (स्त्री), दुष्प्रधर्षिणी (स्त्री)

2.4.114.1 - वार्ताकी हिङ्गुली सिंही भण्टाकी दुष्प्रधर्षिणी





रास्ना. (5) - नाकुली (स्त्री), सुरसा (स्त्री), रास्ना (स्त्री), सुगन्धा (स्त्री), गन्धनाकुली (स्त्री)

2.4.114.2 - नाकुली सुरसा रास्ना सुगन्धा गन्धनाकुली





रास्ना. (4) - नकुलेष्टा (स्त्री), भुजङ्गाक्षी (स्त्री), छत्राकी (स्त्री), सुवहा (स्त्री)

2.4.115.1 - नकुलेष्टा भुजङ्गाक्षी छत्राकी सुवहा च सा





सालपर्णी. (5) - विदारिगन्धा (स्त्री), अंशुमती (स्त्री), सालपर्णी (स्त्री), स्थिरा (स्त्री), ध्रुवा (स्त्री)

2.4.115.2 - विदारिगन्धांशुमती सालपर्णी स्थिरा ध्रुवा





कार्पासी. (4) - तुण्डिकेरी (स्त्री), समुद्रान्ता (स्त्री), कार्पासी (स्त्री), बदरा (स्त्री)

2.4.116.1 - तुण्डिकेरी समुद्रान्ता कार्पासी बदरेति च





वनकार्पासी. (1) - भारद्वाजी (स्त्री)

ऋषभाख्यौषधिः. (3) - शृङ्गी (स्त्री), ऋषभ (पुं), वृष (पुं)

2.4.116.2 - भारद्वाजी तु सा वन्या शृङ्गी तु ऋषभो वृषः





नागबला. (4) - गाङ्गेरुकी (स्त्री), नागबला (स्त्री), झषा (स्त्री), ह्रस्वगवेधुका (स्त्री)

2.4.117.1 - गाङ्गेरुकी नागबला झषा ह्रस्वगवेधुका





घोषवल्ली. (2) - धामार्गव (पुं), घोषक (पुं)

पीतघोषवल्ली. (1) - महाजालिन् (स्त्री)

2.4.117.2 - धामार्गवो घोषकः स्यान्महाजाली स पीतकः





पटोलिका. (3) - ज्योत्स्नी (स्त्री), पटोलिका (स्त्री), जाली (स्त्री)

भूमिजम्बुका. (2) - नादेयी (स्त्री), भूमिजम्बुका (स्त्री)

2.4.118.1 - ज्योत्स्नी पटोलिका जाली नादेयी भूमिजम्बुका





लाङ्गलिकी. (2) - लाङ्गलिकी (स्त्री), अग्निशिखा (स्त्री)

काकजङ्घा. (2) - काकाङ्गी (स्त्री), काकनासिका (स्त्री)

2.4.118.2 - स्याल्लाङ्गलिक्यग्निशिखा काकाङ्गी काकनासिका





हंसपदी. (2) - गोधापदी (स्त्री), सुवहा (स्त्री)

मुसली. (2) - मुसली (स्त्री), तालमूलिका (स्त्री)

2.4.119.1 - गोधापदी तु सुवहा मुसली तालमूलिका





अजशृङ्गी. (2) - अजशृङ्गी (स्त्री), विषाणी (स्त्री)

गोजिह्वा. (2) - गोजिह्वा (स्त्री), दार्विका (स्त्री)

2.4.119.2 - अजशृङ्गी विषाणी स्याद्गोजिह्वादार्विके समे





नागवल्ली. (3) - ताम्बूलवल्ली (स्त्री), ताम्बूली (स्त्री), नागवल्ली (स्त्री)

हरेणुका. (1) - द्विजा (स्त्री)

2.4.120.1 - ताम्बूलवल्ली तम्बूली नागवल्ल्यप्यथ द्विजा





हरेणुका. (5) - हरेणू (स्त्री), रेणुका (स्त्री), कौन्ती (स्त्री), कपिला (स्त्री), भस्मगन्धिनी (स्त्री)

2.4.120.2 - हरेणू रेणुका कौन्ती कपिला भस्मगन्धिनी





वालुकाख्यगन्धद्रव्यम्. (4) - एलावालुक (नपुं), ऐलेय (नपुं), सुगन्धि (पुं), हरिवालुक (नपुं)

2.4.121.1 - एलावालुकमैलेयं सुगन्धि हरिवालुकम्





वालुकाख्यगन्धद्रव्यम्. (1) - वालुक (नपुं)

कुन्दुरुः. (4) - पालङ्क्या (स्त्री), मुकुन्द (पुं), कुन्द (पुं), कुन्दुरु (पुं)

2.4.121.2 - वालुकं चाथ पालङ्क्यां मुकुन्दः कुन्दकुन्दुरू





ह्रीबेरम्. (5) - बाल (नपुं), ह्रीबेर (नपुं), बर्हिष्ठ (नपुं), उदीच्य (नपुं), केशाम्बुनाम (नपुं)

2.4.122.1 - बालं ह्रीबेरबर्हिष्ठोदीच्यं केशाम्बुनाम च





शैलेयम्. (4) - कालानुसार्य (नपुं), वृद्ध (नपुं), अश्मपुष्प (नपुं), शीतशिव (नपुं)

2.4.122.2 - कालानुसार्यवृद्धाश्मपुष्पशीतशिवानि तु





शैलेयम्. (1) - शैलेय (नपुं)

मुराख्यसुगन्धिद्रव्यम्. (4) - तालपर्णी (स्त्री), दैत्या (स्त्री), गन्धकुटी (स्त्री), मुरा (स्त्री)

2.4.123.1 - शैलेयं तालपर्णी तु दैत्या गन्धकुटी मुरा





मुराख्यसुगन्धिद्रव्यम्. (1) - गन्धिनी (स्त्री)

सल्लकी. (4) - गजभक्ष्या (स्त्री), सुवहा (स्त्री), सुरभी (स्त्री), रसा (स्त्री)

2.4.123.2 - गन्धिनी गजभक्ष्या तु सुवहा सुरभी रसा





सल्लकी. (4) - महेरणा (स्त्री), कुन्दुरुकी (स्त्री), सल्लकी (स्त्री), ह्लादिनी (स्त्री)

2.4.124.1 - महेरणा कुन्दुरुकी सल्लकी ह्लादिनीति च





धातकी. (4) - अग्निज्वाला (स्त्री), सुभिक्षा (स्त्री), धातकी (स्त्री), धातुपुष्पिका (स्त्री)

2.4.124.2 - अग्निज्वालासुभिक्षे तु धातकी धातुपुष्पिका





एला. (5) - पृथ्वीका (स्त्री), चन्द्रबाला (स्त्री), एला (स्त्री), निष्कुटी (स्त्री), बहुला (स्त्री)

2.4.125.1 - पृथ्वीका चन्द्रवालैला निष्कुटिर्बहिलाथ सा





सूक्ष्मेला. (5) - उपकुञ्चिका (स्त्री), तुत्था (स्त्री), कोरङ्गी (स्त्री), त्रिपुटा (स्त्री), त्रुटि (स्त्री)

2.4.125.2 - सूक्ष्मोपकुञ्चिका तुत्था कोरङ्गी त्रिपुटा त्रुटिः





कुष्ठः. (6) - व्याधि (पुं), कुष्ठ (नपुं), पारिभाव्य (नपुं), वाप्य (नपुं), पाकल (नपुं), उत्पल (नपुं)

2.4.126.1 - व्याधिः कुष्टं पारिभाव्यं वाप्यं पाकलमुत्पलम्





चोरवल्ली. (3) - शङ्खिनी (स्त्री), चोरपुष्पी (स्त्री), केशिनी (स्त्री)

भूम्यामलकी. (1) - वितुन्नक (पुं)

2.4.126.2 - शङ्खिनी चोरपुष्पी स्यात्केशिन्यथ वितुन्नकः





भूम्यामलकी. (6) - झटा (स्त्री), अमला (स्त्री), अज्झटा (स्त्री), ताली (स्त्री), शिवा (स्त्री), तामलकी (स्त्री)

2.4.127.1 - झटामलाज्झटा ताली शिवा तामलकीति च





पौण्डर्यम्. (2) - प्रपौण्डरीक (नपुं), पौण्डर्य (नपुं)

नन्दिवृक्षः. (2) - तुन्न (पुं), कुबेरक (पुं)

2.4.127.2 - प्रपौण्डरीकं पौण्डर्यमथ तुन्नः कुबेरकः





नन्दिवृक्षः. (4) - कुणि (पुं), कच्छ (पुं), कान्तलक (पुं), नन्दिवृक्ष (पुं)

चण्डा. (1) - राक्षसी (स्त्री)

2.4.128.1 - कुणिः कच्छः कान्तलको नन्दिवृक्षोऽथ राक्षसी





चण्डा. (5) - चण्डा (स्त्री), धनहरी (स्त्री), क्षेम (पुं), दुष्पत्र (पुं), गणहासक (पुं)

2.4.128.2 - चण्डा धनहरी क्षेमदुष्पत्रगणहासकाः





व्याघ्रनखा. (4) - व्याडायुध (नपुं), व्याघ्रनख (नपुं), करज (नपुं), चक्रकारक (नपुं)

2.4.129.1 - व्याडायुधं व्याघ्रनखं करजं चक्रकारकम्





नलीनामकगन्धद्रव्यम्. (5) - शुषिरा (स्त्री), विद्रुमलता (स्त्री), कपोताङ्घ्रि (स्त्री), नटी (स्त्री), नली (स्त्री)

2.4.129.2 - सुषिरा विद्रुमलता कपोताङ्घ्रिर्नटी नली





अञ्जनकेश्याख्यद्रव्यम्. (4) - धमनी (स्त्री), अञ्जनकेशी (स्त्री), हनु (स्त्री), हट्टविलासिनी (स्त्री)

2.4.130.1 - धमन्यञ्जनकेशी च हनुर्हट्टविलासिनी





नखाख्यगन्धद्रव्यम्. (5) - शुक्ति (स्त्री), शङ्ख (पुं), खुर (पुं), कोलदल (नपुं), नख (नपुं)

तुवरिका. (1) - आढकी (स्त्री)

2.4.130.2 - शुक्तिः शङ्खः खुरः कोलदलं नखमथाढकी





तुवरिका. (5) - काक्षी (स्त्री), मृत्स्ना (स्त्री), तुवरिका (स्त्री), मृत्तालक (नपुं), सुराष्ट्रज (नपुं)

2.4.131.1 - काक्षी मृत्स्ना तुवरिका मृत्तालकसुराष्ट्रजे





कैवर्तीमुस्तकम्. (4) - कुटन्नट (नपुं), दाशपुर (नपुं), वानेय (नपुं), परिपेलव (नपुं)

2.4.131.2 - कुटन्नटं दाशपुरं वानेयं परिपेलवम्





कैवर्तीमुस्तकम्. (4) - प्लव (नपुं), गोपुर (नपुं), गोनर्द (नपुं), कैवर्तीमुस्तक (नपुं)

2.4.132.1 - प्लवगोपुरगोनर्दकैवर्तीमुस्तकानि च





ग्रन्थिपर्णम्. (5) - ग्रन्थिपर्ण (नपुं), शुक (नपुं), बर्हपुष्प (नपुं), स्थौणेय (नपुं), कुक्कुर (नपुं)

2.4.132.2 - ग्रन्थिपर्णं शुकं बर्हं पुष्पं स्थौणेयकुक्कुरे





स्पृक्का. (6) - मरुन्माला (स्त्री), पिशुना (स्त्री), स्पृक्का (स्त्री), देवी (स्त्री), लता (स्त्री), लघु (पुं)

2.4.133.1 - मरुन्माला तु पिशुना स्पृक्का देवी लता लघुः





स्पृक्का. (4) - समुद्रान्ता (स्त्री), वधू (स्त्री), कोटिवर्षा (स्त्री), लङ्कोपिक (स्त्री)

2.4.133.2 - समुद्रान्ता वधूः कोटिवर्षा लङ्कोपिकेत्यपि





जटामांसी. (6) - तपस्विनी (स्त्री), जटा (स्त्री), मांसी (स्त्री), जटिला (स्त्री), लोमश (पुं), मिसी (स्त्री)

2.4.134.1 - तपस्विनी जटामांसी जटिला लोमशा मिसी





त्वक्पत्रम्. (6) - त्वक्पत्र (नपुं), उत्कट (नपुं), भृङ्ग (नपुं), त्वच (नपुं), चोच (नपुं), वराङ्गक (नपुं)

2.4.134.2 - त्वक्पत्रमुत्कटं भृङ्गं त्वचं चोचं वराङ्गकम्





कर्चूरः. (4) - कर्चूरक (पुं), द्राविडक (पुं), काल्पक (पुं), वेधमुख्यक (पुं)

2.4.135.1 - कर्चूरको द्राविडकः काल्पको वेधमुख्यकः





जातिमात्रविवक्षा. (1) - ओषधी (स्त्री)

2.4.135.2 - ओषध्यो जातिमात्रे स्युरजातौ सर्वमौषधम्





अल्पमारिषः. (2) - तण्डुलीय (पुं), अल्पमारिष (पुं)

2.4.136.1 - शाकाख्यं पत्रपुष्पादि तण्डुलीयोऽल्पमारिषः





अग्निशिखा. (5) - विशल्या (स्त्री), अग्निशिखा (स्त्री), अनन्ता (स्त्री), फलिनी (स्त्री), शक्रपुष्पिका (स्त्री)

2.4.136.2 - विशल्याग्निशिखानन्ता फलिनी शक्रपुष्पिका





वृद्धदारकः. (4) - ऋक्षगन्धा (स्त्री), छगलान्त्री (स्त्री), आवेगी (स्त्री), वृद्धदारक (पुं)

2.4.137.1 - स्याद्दक्षगन्धा छगलान्त्र्यावेगी वृद्धदारकः





वृद्धदारकः. (1) - जुङ्ग (पुं)

ब्रम्ही. (4) - ब्रम्ही (स्त्री), मत्स्याक्षी (स्त्री), वयःस्था (स्त्री), सोमवल्लरी (स्त्री)

2.4.137.2 - जुङ्गो ब्रम्ही तु मत्स्याक्षी वयस्था सोमवल्लरी





स्वर्णक्षीरी. (4) - पटुपर्णी (स्त्री), हैमवती (स्त्री), स्वर्णक्षीरी (स्त्री), हिमावती (स्त्री)

2.4.138.1 - पटुपर्णी हैमवती स्वर्णक्षीरी हिमावती





माषपर्णी. (4) - हयपुच्छी (स्त्री), काम्बोजी (स्त्री), माषपर्णी (स्त्री), महासहा (स्त्री)

2.4.138.2 - हयपुच्छी तु काम्बोजी माषपर्णी महासहा





तुण्डिकेरी. (4) - तुण्डिकेरी (स्त्री), रक्तफला (स्त्री), बिम्बिका (स्त्री), पीलुपर्णी (स्त्री)

2.4.139.1 - तुण्डिकेरी रक्तफला बिम्बिका पीलुपर्ण्यपि





खरपुष्पा. (5) - बर्बरा (स्त्री), कबरी (स्त्री), तुङ्गी (स्त्री), खरपुष्पा (स्त्री), अजगन्धिका (स्त्री)

2.4.139.2 - बर्बरा कबरी तुङ्गी खरपुष्पाजगन्धिका





एलापर्णी. (4) - एलापर्णी (स्त्री), सुवहा (स्त्री), रास्ना (स्त्री), युक्तरसा (स्त्री)

2.4.140.1 - एलापर्णी तु सुवहा रास्ना युक्तरसा च सा





अम्ललोणिका. (5) - चाङ्गेरी (स्त्री), चुक्रिका (स्त्री), दन्तशठा (स्त्री), अम्बष्ठा (स्त्री), अम्ललोणिका (स्त्री)

2.4.140.2 - चाङ्गेरी चुक्रिका दन्तशठाम्बष्ठाम्ललोणिका





अम्लवेतसः. (4) - सहस्रवेधिन् (पुं), चुक्र (पुं), अम्लवेतस (पुं), शतवेधिन् (पुं)

2.4.141.1 - सहस्रवेधी चुक्रोऽम्लवेतसः शतवेध्यपि





खदिरा. (4) - नमस्कारी (स्त्री), गण्डकारी (स्त्री), समङ्गा (स्त्री), खदिरा (स्त्री)

2.4.141.2 - नमस्कारी गण्डकारी समङ्गा खदिरेत्यपि





जीवन्तिका. (5) - जीवन्ती (स्त्री), जीवनी (स्त्री), जीवा (स्त्री), जीवनीया (स्त्री), मधुस्रवा (स्त्री)

2.4.142.1 - जीवन्ती जीवनी जीवा जीवनीया मधुस्रवा





जीवकः. (5) - कूर्चशीर्ष (पुं), मधुरक (पुं), शृङ्ग (पुं), ह्रस्वाङ्ग (पुं), जीवक (पुं)

2.4.142.2 - कूर्चशीर्षो मधुरकः शृङ्गह्रस्वाङ्गजीवकाः





चिरायता. (3) - किराततिक्त (पुं), भूनिम्ब (पुं), अनार्यतिक्त (पुं)

सप्तला. (1) - सप्तला (स्त्री)

2.4.143.1 - किराततिक्तो भूनिम्बोऽनार्यतिक्तोऽथ सप्तला





सप्तला. (4) - विमला (स्त्री), सातला (स्त्री), भूरिफेना (स्त्री), चर्मकषा (स्त्री)

2.4.143.2 - विमला सातला भूरिफेना चर्मकषेत्यपि





वायसोली. (3) - वायसोली (स्त्री), स्वादुरसा (स्त्री), वयःस्था (स्त्री)

वज्रदन्ती. (1) - मकूलक (पुं)

2.4.144.1 - वायसोली स्वादुरसा वयस्थाथ मकूलकः





वज्रदन्ती. (4) - निकुम्भ (पुं), दन्तिका (स्त्री), प्रत्यक्श्रेणी (स्त्री), उदुम्बरपर्णी (स्त्री)

2.4.144.2 - निकुम्भो दन्तिका प्रत्यक्श्रेण्युदुम्बरपर्ण्यपि





अजमोदा. (4) - अजमोदा (स्त्री), उग्रगन्धा (स्त्री), ब्रह्मदर्भा (स्त्री), यवानिका (स्त्री)

2.4.145.1 - अजमोदा तूग्रगन्धा ब्रह्मदर्भा यवानिका





पुष्करमूलम्. (4) - पुष्कर (नपुं), काश्मीर (नपुं), पद्मपत्र (नपुं), पौष्कर (नपुं)

2.4.145.2 - मूले पुष्करकाश्मीरपद्मपत्राणि पौष्करे





पद्माकः. (5) - अव्यथा (स्त्री), अतिचरा (स्त्री), पद्मा (स्त्री), चारटी (स्त्री), पद्मचारिणी (स्त्री)

2.4.146.1 - अव्यथातिचरा पद्मा चारटी पद्मचारिणी





रोचनी. (5) - काम्पिल्य (पुं), कर्कश (पुं), चन्द्र (पुं), रक्ताङ्ग (पुं), रोचनी (स्त्री)

2.4.146.2 - काम्पिल्यः कर्कशश्चन्द्रो रक्ताङ्गो रोचनीत्यपि





पुन्नाटः. (4) - प्रपुन्नाट (पुं), एडगज (पुं), दद्रुघ्न (पुं), चकमर्दक (पुं)

2.4.147.1 - प्रपुन्नाडस्त्वेडगजो दद्रुघ्नश्चक्रमर्दकः





पुन्नाटः. (2) - पद्माट (पुं), उरणाख्य (पुं)

पलाण्डुः. (2) - पलाण्डु (पुं), सुकन्दक (पुं)

2.4.147.2 - पद्माट उरणाख्यश्च पलाण्डुस्तु सुकन्दकः





हरितपलाण्डुः. (2) - लतार्क (पुं), दुद्रुम (पुं)

लशुनम्. (1) - महौषध (नपुं)

2.4.148.1 - लतार्कदुद्रुमौ तत्र हरितेऽथ महौषधम्





लशुनम्. (5) - लशुन (नपुं), गृञ्जन (पुं), अरिष्ट (पुं), महाकन्द (पुं), रसोनक (पुं)

2.4.148.2 - लशुनं गृञ्जनारिष्टमहाकन्दरसोनकाः





पुनर्नवा. (2) - पुनर्नवा (स्त्री), शोथघ्नी (स्त्री)

वितुन्नम्. (2) - वितुन्न (नपुं), सुनिषण्णक (नपुं)

2.4.149.1 - पुनर्नवा तु शोथघ्नी वितुन्नं सुनिषण्णकम्





शणपर्णी. (4) - वातक (पुं), शीतल (पुं), अपराजिता (स्त्री), शणपर्णी (स्त्री)

2.4.149.2 - स्याद्वातकः शीतलोऽपराजिता शणपर्ण्यपि





ज्योतिष्मती. (5) - पारावताङ्घ्रि (स्त्री), कटभी (स्त्री), पण्या (स्त्री), ज्योतिष्मती (स्त्री), लता (स्त्री)

2.4.150.1 - पारावताङ्घ्रिः कटभी पण्या ज्योतिष्मती लता





त्रायमाणा. (4) - वार्षिक (नपुं), त्रायमाणा (स्त्री), त्रायन्ती (स्त्री), बलभद्रिका (स्त्री)

2.4.150.2 - वार्षिकं त्रायमाणा स्यात्त्रायन्ती बलभद्रिका





वाराहीकन्दम्. (4) - विष्वक्सेनप्रिया (स्त्री), गृष्टि (स्त्री), वाराही (स्त्री), बदरा (स्त्री)

2.4.151.1 - विष्वक्सेनप्रिया गृष्टिर्वाराही बदरेत्यपि





भृङ्गराजः. (2) - मार्कव (पुं), भृङ्गराज (पुं)

काकमाची. (2) - काकमाची (स्त्री), वायसी (स्त्री)

2.4.151.2 - मार्कवो भृङ्गराजः स्यात्काकमाची तु वायसी





शतपुष्पा. (5) - शतपुष्पा (स्त्री), सितच्छत्रा (स्त्री), अतिच्छत्रा (स्त्री), मधुरा (स्त्री), मिसि (स्त्री)

2.4.152.1 - शतपुष्पा सितच्छत्रातिच्छत्रा मधुरा मिसिः





शतपुष्पा. (2) - अवाक्पुष्पी (स्त्री), कारवी (स्त्री)

प्रसारिणी. (2) - सरणा (स्त्री), प्रसारिणी (स्त्री)

2.4.152.2 - अवाक्पुष्पी कारवी च सरणा तु प्रसारिणी





प्रसारिणी. (3) - कटम्भरा (स्त्री), राजबला (स्त्री), भद्रबला (स्त्री)

2.4.153.1 - तस्यां कटम्भरा राजबला भद्रबलेत्यपि





चक्रवर्तिनी. (5) - जनी (स्त्री), जतूका (स्त्री), रजनी (स्त्री), जतुकृत् (स्त्री), चक्रवर्तिनी (स्त्री)

2.4.153.2 - जनी जतूका रजनी जतुकृच्चक्रवर्तिनी





चक्रवर्तिनी. (1) - संस्पर्शा (स्त्री)

कचूरः. (3) - शटी (स्त्री), गन्धमूली (स्त्री), षड्ग्रन्थिका (स्त्री)

2.4.154.1 - संस्पर्शाथ शटी गन्धमूली षड्ग्रन्थिकेत्यपि





कचूरः. (2) - कर्चूर (पुं), पलाश (पुं)

कारवेल्लः. (2) - कारवेल्ल (पुं), कठिल्लक (पुं)

2.4.154.2 - कर्चूरोऽपि पलाशोऽथ कारवेल्लः कठिल्लकः





कारवेल्लः. (1) - सुषवी (स्त्री)

पटोलः. (4) - कुलक (पुं), पटोल (पुं), तिक्तक (पुं), पटु (पुं)

2.4.155.1 - सुषवी चाथ कुलकं पतोलस्तिक्तकः पटुः





कूष्माण्डकः. (2) - कूष्माण्डक (पुं), कर्कारु (पुं)

कर्कटी. (2) - ईर्वारु (स्त्री-पुं), कर्कटी (स्त्री)

2.4.155.2 - कूष्माण्डकस्तु कर्कारुरुर्वारुः कर्कटी स्त्रियौ





इक्ष्वाकुः. (2) - इक्ष्वाकु (स्त्री), कटुतुम्बी (स्त्री)

तुम्बी. (2) - तुम्बी (स्त्री), अलाबू (स्त्री)

2.4.156.1 - इक्ष्वाकुः कटुतुम्बी स्यात्तुम्ब्यलाबूरुभे समे





वनकर्कटी. (3) - चित्रा (स्त्री), गवाक्षी (स्त्री), गोडुम्बा (स्त्री)

इन्द्रवारुणी. (2) - विशाला (स्त्री), इन्द्रवारुणी (स्त्री)

2.4.156.2 - चित्रा गवाक्षी गोडुम्बा विशाला त्विन्द्रवारुणी





सूरणः. (3) - अर्शोघ्न (पुं), सूरण (पुं), कन्द (पुं)

समष्ठिला. (2) - गण्डीर (पुं), समष्ठिला (स्त्री)

2.4.157.1 - अर्शोघ्नः सूरणः कन्दो गण्डीरस्तु समष्ठिला





शाखाभेदः. (4) - कलम्बी (स्त्री), उपोदका (स्त्री), मूलक (पुं-नपुं), हिलमोचिका (स्त्री)

2.4.157.2 - कलम्ब्युपोदिका स्त्री तु मूलकं हिलमोचिका





शाखाभेदः. (1) - वास्तुक (नपुं)

दूर्वा. (2) - दूर्वा (स्त्री), शतपर्विका (स्त्री)

2.4.158.1 - वास्तुकं शाकभेदाः स्युर्दूर्वा तु शतपर्विका





दूर्वा. (4) - सहस्रवीर्या (स्त्री), भार्गवी (स्त्री), रुहा (स्त्री), अनन्ता (स्त्री)

2.4.158.2 - सहस्रवीर्याभार्गव्यौ रुहानन्ताथ सा सिता





शुक्लदूर्वा. (4) - गोलोमी (स्त्री), शतवीर्या (स्त्री), गण्डाली (स्त्री), शकुलाक्षक (पुं)

2.4.159.1 - गोलोमी शतवीर्या च गण्डाली शकुलाक्षका





मुस्ता. (4) - कुरुविन्द (पुं), मेघनामन् (पुं), मुस्ता (स्त्री), मुस्तक (पुं-नपुं)

2.4.159.2 - कुरुविन्दो मेघनामा मुस्ता मुस्तकमस्त्रियाम्





नागमुस्ता. (2) - भद्रमुस्तक (पुं), गुन्द्रा (स्त्री)

मुस्ताभेदः. (3) - चूडाला (स्त्री), चक्रला (स्त्री), उच्चटा (स्त्री)

2.4.160.1 - स्याद्भद्रमुस्तको गुन्द्रा चूडाला चक्रलोच्चटा





वेणुः. (5) - वंश (पुं), त्वक्सार (पुं), कर्मार (पुं), त्वाचिसार (पुं), तृणध्वज (पुं)

2.4.160.2 - वंशे त्वक्सारकर्मारत्वचिसारतृणध्वजाः





वेणुः. (5) - शतपर्वन् (पुं), यवफल (पुं), वेणु (पुं), मस्कर (पुं), तेजन (पुं)

2.4.161.1 - शतपर्वा यवफलो वेणुमस्करतेजनाः





वाताहतवेणुः. (1) - कीचक (पुं)

2.4.161.2 - वेणवः कीचकास्ते स्युर्ये स्वनन्त्यनिलोद्धताः





वम्शादिग्रन्थिः. (3) - ग्रन्थि (पुं), पर्वन् (नपुं), परुस् (नपुं)

गुन्द्रः. (3) - गुन्द्र (पुं), तेजनक (पुं), शर (पुं)

2.4.162.1 - ग्रन्थिर्ना पर्वपरुषी गुन्द्रस्तेजनकः शरः





नडः. (3) - नड (पुं), धमन (पुं), पोटगल (पुं)

काशम्. (1) - काश (पुं-नपुं)

2.4.162.2 - नडस्तु धमनः पोटगलोऽथो काशमस्त्रियाम्





काशम्. (2) - इक्षुगन्धा (स्त्री), पोटगल (पुं)

बल्वजाः. (1) - बल्वज (पुं-बहु)

2.4.163.1 - इक्षुगन्धा पोटगलः पुंसि भूम्नि तु बल्वजाः





इक्षुः. (2) - रसाल (पुं), इक्षु (पुं)

इक्षुभेदः. (2) - पुण्ड्र (पुं), कान्तारक (पुं)

2.4.163.2 - रसाल इक्षुस्तद्भेदाः पुण्ड्रकान्तारकादयः





वीरणम्. (2) - वीरण (नपुं), वीरतर (नपुं)

वीरणमूलम्. (1) - उशीर (पुं-नपुं)

2.4.164.1 - स्याद्वीरणं वीरतरं मूलेऽस्योशीरमस्त्रियाम्





वीरणमूलम्. (5) - अभय (नपुं), नलद (नपुं), सेव्य (नपुं), अमृणाल (नपुं), जलाशय (नपुं)

2.4.164.2 - अभयं नलदं सेव्यममृणालं जलाशयम्





वीरणमूलम्. (4) - लामज्जक (नपुं), लघुलय (नपुं), अवदाह (नपुं), इष्टकापथ (नपुं)

2.4.165.1 - लामज्जकं लघुलयमवदाहेष्टकापथे





तृणम्. (1) - तृण (नपुं)

2.4.165.2 - नडादयस्तृणं गर्मुच्छ्यामाकप्रमुखा अपि





दर्भः. (4) - कुश (पुं-नपुं), कुथ (पुं), दर्भ (पुं), पवित्र (नपुं)

रोहिषाख्यतृणविशेषः. (1) - कत्तृण (नपुं)

2.4.166.1 - अस्त्री कुशं कुथो दर्भः पवित्रमथ कत्तृणम्





तृणविशेषः. (5) - पौर (नपुं), सौगन्धिक (नपुं), ध्याम (नपुं), देवजग्धक (नपुं), रौहिष (नपुं)

2.4.166.2 - पौरसौगन्धिकध्यामदेवजग्धकरौहिषम्





जलजतृणविशेषः. (3) - छत्रा (स्त्री), अतिच्छत्र (पुं), पालघ्न (पुं)

तृणविशेषः. (2) - मालातृणक (नपुं), भूस्तृण (नपुं)

2.4.167.1 - छत्रातिच्छत्रपालघ्नौ मालातृणकभूस्तृणे





नूतनतृणम्. (2) - शष्प (नपुं), बालतृण (नपुं)

गवादिभक्ष्यतृणम्. (2) - घास (पुं), यवस (नपुं)

तृणम्. (2) - तृण (नपुं), अर्जुन (नपुं)

2.4.167.2 - शष्पं बालतृणम्घासो यवसं तृणमर्जुनम्





तृणसमूहः. (1) - तृण्या (स्त्री)

नडसमूहः. (1) - नड्या (स्त्री)

2.4.168.1 - तृणानां संहतिस्तृण्या नड्या तु नडसंहतिः





तालवृक्षः. (2) - तृणराजाह्वय (पुं), ताल (पुं)

नालिकेरः. (2) - नालिकेर (पुं), लाङ्गली (स्त्री)

2.4.168.2 - तृणराजाह्वयस्तालो नालिकेरस्तु लाङ्गली





क्रमुकवृक्षः. (5) - घोण्टा (स्त्री), पूग (पुं), क्रमुक (पुं), गुवाक (पुं), खपुर (पुं)

2.4.169.1 - घोण्टा तु पूगः क्रमुको गुवाकः खपुरोऽस्य तु





क्रमुकफलम्. (1) - उद्वेग (नपुं)

तालभेदः. (1) - हिन्ताल (पुं)

2.4.169.2 - फलमुद्वेगमेते च हिन्तालसहितास्त्रयः





खर्जुरवृक्षः. (1) - खर्जूर (पुं)

केतकवृक्षः. (1) - केतकी (स्त्री)

तालभेदः. (1) - ताली (स्त्री)

खर्जुरभेदः. (1) - खर्जुरी (स्त्री)

2.4.170.1 - खर्जूरः केतकी ताली खर्जुरी च तृणद्रुमाः